'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है 'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है
हठ कोई जैसे यह दिल कर बैठा हो खुद को तकलीफ खुद ही यह देता है खुद ही हंसाती है , खुद ही रुलाती है झूठ... हठ कोई जैसे यह दिल कर बैठा हो खुद को तकलीफ खुद ही यह देता है खुद ही हंसाती है , ...
यूं मेरी नींद चुरा कर तुम खुद चैन से कैसे सो जाते हो। यूं मेरी नींद चुरा कर तुम खुद चैन से कैसे सो जाते हो।
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर जब हम कुछ खो रहे होते हैं, तब साथ ही कुछ पा भी रहे होते हैं। इश्क़ भी इस से अछूत... ज़िन्दगी के हर मोड़ पर जब हम कुछ खो रहे होते हैं, तब साथ ही कुछ पा भी रहे होते हैं...
हर युग में सीता ने परीक्षा दी है, रावण पग पग पर फैले हैं, इनके दिल मैले हैं, कब होगा हर युग में सीता ने परीक्षा दी है, रावण पग पग पर फैले हैं, इनके दिल मैले है...
अब जो फ़िर मिले हो तो ज़रा पास तो बैठो ये शख्स कहां किसी को अपने पास बुलाता है, अब जो फ़िर मिले हो तो ज़रा पास तो बैठो ये शख्स कहां किसी को अपने पास बुलाता है,